आकास” मार्गदर्शक, रचनात्मक, सुरक्षा कवच एवं अच्छा मित्र हो साबित सकता है

!! “आकास” मार्गदर्शक, रचनात्मक, सुरक्षा कवच एवं अच्छा मित्र हो साबित सकता है !!

आपकी जय !
⏩आकास का गठन करने वाले साथियों ने बहुत ही चिंतन मंथन करके “आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास)” को अस्तित्व में लाए हैं ।
⏩आकास हमारे समाज व देश के भविष्य यानी कि विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शक हो सकता है । प्रदेश व देश में समाज की अच्छी शैक्षणिक संस्थाएं व यूनिवर्सिटी खोलने की दिशा में काम कर सकता है । निशुल्क कोचिंग क्लासेस एवं कैरियर गाइडेंस संस्थाओं को निरंतर रखने में मदद कर सकता है । इस प्रकार सारगर्भित रूप में यदि कहना चाहे तो यह विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है ।
⏩व्यवस्थाओं के साथ जुड़ा होने से कर्मचारी अधिकारी सिविल सेवा आचरण नियमों से बंधा होता है । इसलिए वह समाज आम लोगों के लिए रचनात्मक कार्य करते हुए समाज को स्वावलंबी बनाने में मदद कर सकता है। शासकीय योजनाओं की जानकारी देकर, उन्हें लाभान्वित करने में सहयोगी हो सकता है । आकास मे सभी विभागों के कर्मचारी अधिकारियों जुड़े होने की वजह से उनके अनुभवों का लाभ समाज को मिल सकता है ।
⏩आकास समाज के कर्मचारी अधिकारियों के लिए सुरक्षा कवच साबित हो सकता है । आज तक होते यह आया है कि समाज के कर्मचारी अधिकारियों के साथ अन्याय, अत्याचार, दमन, शोषण होता है । तब वह संघर्ष के लिए अकेला ही होता है । इसी वजह से उसकी पोस्टिंग दूरस्थ अंचलों में कर दी जाती है ,छोटी-छोटी गलतियों का बहाना लेकर निलंबन, विभागीय जांच की कार्रवाई या सेवा से बर्खास्त आदि शास्ति का भागी बनता है। जांच को अनावश्यक रुप से लंबित रखा जाता है । किंतु यदि पूरे मध्यप्रदेश के आदिवासी समाज के कर्मचारी अधिकारी आकास के साथ जुड़ जाते हैं तो आकास एक शासन द्वारा मान्यता प्राप्त संगठन होगा और आकास का अपना वजूद होगा । कई प्रकार की उपरोक्त कार्यवाही हो न सकेगी और यदि अनावश्यक रुप से किसी को फंसाने का प्रयास किया जाएगा तब आकास उसके साथ खड़ा होगा । लेकिन यह तभी संभव होगा जब हम आकास से जुड़ जाए और सदस्यता अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपने विभाग, सगे संबंधी, मित्र आदि सभी को आकास की सदस्यता जितना जल्दी हो सके ग्रहण करवाएं ।
⏩आकास समाज के जनप्रतिनिधियों के लिए सच्चा मित्र साबित हो सकता है । क्योंकि अभी तक होता यह रहा है कि समाज के सभी वर्गो के बीच संवाद की खाई बनी हुई है । सही बात, सही स्थान तक, सही रूप में पहुंच नहीं पाती है । समाज का व्यक्ति समाज की सामाजिक व्यवस्थाओं को समझता है और व्यवस्था के साथ में भागीदारी होने की वजह से वर्तमान व्यवस्था को भी बहुत बारीकी से समझता है । समाज के लिए क्या अच्छा हो सकता है और क्या बुरा हो सकता है यह समाज का कर्मचारी अधिकारी भलीभांति जानता है । इसलिए समाज के कर्मचारी अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के बीच यदि सही संवाद हो तो एक दूसरे के सच्चे मित्र साबित हो सकते हैं ।
⏩सही मायने में यदि इसे हम गंभीरता से लेते हैं तो आकास समाज के लिए एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है ।आकास का निर्माण किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं किया गया है । आकास का निर्माण समाज के सर्वांगीण विकास के लिए किया गया है । आकास में कोई चाहे पदाधिकारी हो या ना हो लेकिन उसका उतना ही महत्व है जितना कि एक पदाधिकारी का महत्व है । आकास सिर्फ एक संगठन ना होकर समाज को जोड़ने की एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है । बशर्त हैं कि आकास को खड़ा करने में हम सभी लोग मदद करें । यह सारे कार्य जादुई छड़ी घुमाने जैसे तुरंत हो जाएगा ऐसा नहीं हैं। इसके लिए हमें लोक कल्याण की पवित्र भावना को मन में लेकर निरंतर कार्य करने की आवश्यकता है । निस्वार्थ भाव काम करने की आवश्यकता है । हम हमारी भावी पीढ़ी के लिए कुछ ऐसा करके जाएं जिसकी की वजह भावी पीढ़ी आपको याद करें कि हमारे पुरखे हमारे लिए कुछ प्लेटफार्म बनाकर चले गए । जिसकी की बदौलत आज हम अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं ।
⏩आकास का गठन मध्यप्रदेश में 24 अप्रैल, 2016 को हुआ । इसका विस्तार सभी राज्यों में करने की आवश्यकता है। किंतु शुरुआत में हम सभी राज्य में एक ही थीम को लेकर अपने अपने राज्य में समाज के सभी कर्मचारी अधिकारियों को इस आकास की एक स्वतंत्र राज्य इकाई के रूप में इकट्ठा करें । वह स्वतंत्र रूप से अपने राज्य में ही कार्य करें । तत्पश्चात आने वाले भविष्य में यदि सबको ऐसा लगता है कि अब हमें राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी समाज के कर्मचारी अधिकारियों को एक मंच पर आना चाहिए तब सभी राज्य में हमारी थीम एक समान होने की वजह से तुरंत ही हम एक बैनर के तले इकट्ठे हो सकते हैं ।