About

आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास) यह मध्यप्रदेश में आदिवासी समाज के कर्मचारियों एवं अधिकारियों का एकमात्र ऐसा संगठन है जो अपने संवैधानिक अधिकारो की रक्षा करने के साथ-साथ समाज के लोगो में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने का कार्य भी करता है| आकास आदिवासी समाज का एक ऐसा मंच है जिसके माध्यम से हम समाज, प्रदेश एवं देश के लिए रचनात्मक एवं कुछ ठोस परिणाममूलक कार्य कर सकते है, जिसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे |

 

आकास की बुनियाद 24 अप्रैल 2016 को होटल शिवालय, मालवा मिल चौराहा, इंदौर (प्रथम मीटिंग) में एकत्रित होकर इस दिशा में विचार-विमर्श कर मूर्तरूप देने का सोचा | एक छोटे से आमंत्रण पर प्रदेश में कार्यरत प्रथम श्रेणी के अधिकारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी उपस्थित हुये और गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वमान्य सोच के साथ “आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन” नाम का चयन किया, जिसका संक्षिप्त नाम “आकास” अंग्रेजी शब्द के AKAS से लिया है | इसका पूरा नाम इस प्रकार है – A-आदिवासी, K-कर्मचारी, A-अधिकारी, S-संगठन | साथ ही अधिकारी-कर्मचारियों ने स्वयं आगे आकर इसकी ज़िम्मेदारी ली |

आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास) का गठन 24 अप्रैल 2016 को किया गया गठन से लेकर अब तक आकास का विस्तार बढ़ते जा रहा है | अभी तक आकास की 18 जिलों में जिला कार्यकारिणी का गठन हो चुका है एवं कई जिलों मे प्रकियाधीन है | सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में आकास के प्रति लगाव बढ़ता जा रहा है | आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास) में केंद्र एवं राज्य शासन/अर्धशासकीय/बैंक/बीमा/सार्वजनिक उपक्रम आदि में सेवारत या सेवानिवर्त्त कर्मचारी अधिकारी जुड़ सकते है | समाज के इसकी साधारण सदस्यता राशि रू. 100 मात्र 3 वर्ष की अवधि के लिए (तत्पश्चात उसका नवीनीकरण करवाना होगा) आजीवन सदस्यता राशि रू. 1000 मात्र तथा संरक्षक सदस्यता राशि रू. 5000 मात्र है | जो कोई भी सदस्य इससे जुड़ना चाहता है वह अपने-अपने जिले में सदस्यता अभियान की ज़िम्मेदारी संभाल रहे साथियों से तुरंत संपर्क करे |

सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के सभी जिलों मे इसकी कार्यकारिणी का गठन करने के पश्चात आकास का सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में विस्तार के बाद देश के अन्य राज्यों में विस्तार करते हुये समस्त 29 राज्यों एवं 7 केंद्र शासित प्रदेशों में भी आकास की कार्यकारिणी के गठन के बाद  राष्ट्रिय स्तर पर भी आकास का गठन किए जाने की योजना है | अत: आदिवासी समाज के कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि आकास संगठन से जुड़कर म.प्र. शासन के सामान्य प्रशासन विभाग से आकास को संबद्धता दिलाना है, ताकि आदिवासी समाज के कल्याण एवं विकास के लिए म.प्र. शासन द्वारा जो योजनाए बनाई जाएगी| उसमे आकास अपना अभिमत/सुझाव समाज हित में म.प्र. शासन के समक्ष रख सके, शासन की कल्याणकारी नीतियों आदिवासी समाज की परिस्थिति एवं आवश्यकतानुसार बन सके | इसले लिए आकास की सदस्य संख्या 25000 हजार से अधिक होना आवश्यक है |

हमारे साथियों के साथ होने वाले अन्याय के लिए भी लड़ सकेंगे |आदिवासी समाज के हित में बनाई जाने वाली नीति में भी हस्तक्षेप कर सकेंगे |यह सब हमे अपने लिए नहीं करना है बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए करना है|यहाँ नाम और पद प्रतिष्टा की बात नहीं है, समाज के आत्मसम्मान एवं अस्मिता की बात है| इसलिए हम सब मिलकर आकास को को मजबूत करे जिससे कि आने वाले समय में हम आकास के माध्यम से प्रदेश, देश में रचनात्मक कार्य कर सके |

नियमावली

  1. संस्था का नाम : आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास), इंदौर
  2. कार्यालय का नाम : एच- 21, नालंदा परिसर, केसर बाग रोड, इंदौर 452,012
  3. संस्था का क्षेत्र : सम्पूर्ण म.प्र.
  4. संस्था के उद्देश्य निम्नानुसार होंगे :-
  • आदिवासी समाज के कर्मचारी-अधिकारियों के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, शैक्षणिक एवं संवैधानिक हितो की रक्षा एवं सहायता करना ।
  • आदिवासी समाज में सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, शैक्षणिक एवं संवैधानिक हितो की रक्षा एवं सहायता करना ।
  • शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओ का समाज के लोगों को जानकारी देना एवं लाभान्वित करने में सहयोग करना ।
  • आदिवासी समाज के सर्वागीण विकास हेतु आवश्यक कदम उठाना ।
  • पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधनो का संरक्षण एवं संवर्धन में सहयोग प्रदान करना ।
  • उपरोक्त उद्देश्य की प्राप्ति हेतु समितियों-उपसमितियों का गठन व क्रियान्वयन करना ।
  1. संगठन की सदस्यता : संगठन की सदस्यता हेतु निम्न 3 श्रेणियाँ होंगी :-

क.    साधारण सदस्य : जो व्यक्ति रूपये 100/- या इससे अधिक संगठन

को देगा वह साधारण सदस्य कहलाएगा । सदस्यता शुल्क प्रति तीन वर्ष में देय होगा ।

ख.    आजीवन सदस्य : जो व्यक्ति संगठन को रूपये 1,000/- या इससे अधिक देगा वह आजीवन सदस्य बन सकता है ।

ग.    संरक्षक सदस्य : जो व्यक्ति संगठन को  रूपये 5,000/- या इससे अधिक एक मुश्त या बारह समान किश्तों में देगा वह संगठन का संरक्षक सदस्य होगा ।

घ.    आमंत्रित सदस्य : सोसाइटी की प्रबंधकारिणी समिति किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को मानसेवी सदस्य बना सकती है, ऐसे सदस्य वार्षिक साधारण सम्मेलन में भाग ले सकते है, परंतु वे मत देने के हकदार नहीं होंगे

  1. सदस्यता की प्राप्ति : प्रत्येक कर्मचारी-अधिकारी जो संगठन का सदस्य बनने का इच्छुक हो, वह निर्धारित प्रारूप में आवेदन-पत्र प्रबंधकारिणी समिति को प्रस्तुत करेगा । आवेदन-पत्र को स्वीकृत या अस्वीकृत करने का अधिकार प्रबंधकारिणी समिति को होगा ।    

7-    सदस्यों की योग्यता : आदिवासी कर्मचारी-अधिकारी संगठन (आकास) का सदस्य बनने के लिए निम्न योग्यता होना चाहिए :

  1. कर्मचारी-अधिकारी समाज का होना चाहिए ।
  2. वह भारतीय नागरिक हो ।
  3. वह केंद्र व राज्य की शासकीय/अर्द्धशासकीय/शासन के नियंत्राणाधीन संस्था/स्थानीय निकाय/सहकारी संस्थाये/बैंक/बीमा कंपनी में सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मचारी अधिकारी होना चाहिए ।
  4. वह दिवालिया या पागलपन घोषित न हो ।
  5. वह संगठन के नियमो का पालन करने हेतु प्रतिबद्ध हो ।
  6. वह चरित्रवान हो ।

8-    सदस्यता की प्राप्ति :- सदस्यों की सदस्यता निम्न कारणों से समाप्त होगी :-

  1. सदस्य की मृत्यु हो जाने पर ।
  2. मानसिक विक्षिप्त होने पर ।
  3. नियम 5 के अनुसार सोसाइटी की देय सदस्यता की रकम जमा करने में असफल रहने पर ।
  4. त्यागपत्र देने और उसे प्रबंधकारिणी द्वारा स्वीकार होने पर ।
  5. नैतिक अक्षमता से सम्बन्धित किसी अन्य कारण के सिद्ध हो जाने पर और प्रबंधकारिणी समिति द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाकर निष्काषित करने पर तथा ऐसा निर्णय सम्बन्धित सदस्य को लिखित में संसूचित किया जाना चाहिए ।

9–    प्रबंधकारिणी का गठन :- प्रदेश के समस्त स्तरों पर ट्रस्टी यदि कोई हो, समिति के पदेन सदस्य होंगे । संगठन को संचालित करने हेतु प्रबंधकारिणी का गठन करना संगठन को अनिवार्य होगा। इसके लिए सदस्य जिनके नाम सदस्यता पंजी में दर्ज हो, बैठक में बहुमत के आधार पर निम्नाकिंत पदाधिकारियों एवं प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों का निर्वाचन होगा :-

  1. अध्यक्ष – एक
  2. कार्यकारी अध्यक्ष – एक
  3. उपाध्यक्ष – दो
  4. महासचिव – पाँच
  5. सचिव दस
  6. कोषाध्यक्ष – एक
  7. सह-कोषाध्यक्ष – एक
  8. मीडिया प्रभारी – दो
  9. सदस्य – 51 (जिला अध्यक्ष, समिति का पदेन सदस्य होगा)

10–   कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल :- कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा ।  समिति यथेष्ट कारण होने पर उस समय तक, जब तक कि नई कार्यकारिणी समिति का निर्माण नियमानुसार नहीं हो जाता, कार्य करती रहेगी। समिति के कार्यकाल हेतु वर्ष की गणना 01 अप्रैल से 31 मार्च (वित्तीय वर्ष) मानी जावेगी।

11–   मार्गदर्शक मण्डल के अधिकार एवं कर्तव्य :- आजीवन/संरक्षक/आमंत्रित सदस्य में से संगठन में मार्गदर्शक मण्डल होगा, जो मांगे जाने पर या आवश्यकता अनुसार मार्गदर्शन प्रदान करते रहेंगे।

12–   संस्था का संगठनात्मक ढ़ाचा :- संस्था की निम्नानुसार शाखायें स्थापित की जाएगी –

  1. जिला स्तर पर
  2. तहसील पर
  3. विकासखंड स्तर पर

प्रत्येक स्तर पर प्रांतीय प्रबंधकारिणी समिति के समान एक प्रबंधकारिणी समिति का गठन किया जाएगा। संस्था की जिला, तहसील एवं विकासखंड स्तर की शाखाओं पर राज्य स्तरीय प्रबंधकारिणी का सम्पूर्ण नियंत्रण होगा। तहसील एवं विकासखंड स्तर की शाखायें जिला इकाई के नियंत्रण एवं मार्गदर्शन में कार्य करेगी। संस्था की प्रबंधकारिणी समिति अपनी बैठक में बहुमत से प्रस्ताव पारित करके जिला, तहसील एवं विकासखंड की शाखाओं के स्वरूप के संबंध में आवश्यक परिवर्तन कर सकेगी।

13-   आचार संहिता & प्रत्येकपदाधिकारी/सदस्य को अनुशासित रहते हुए संगठन का कार्य करना है, जिससे बाहरी वातावरण में संगठन की छवि धूमिल न हो। अपनी समस्याओं को शांतिपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करेंगे। संगठन के नियमावली का पालन न करने पर उसे प्राथमिक सदस्यता से निष्काषित करने का अधिकार प्रांतीय अध्यक्ष को होगा।

14-   आदर्श आचार संहिता & जिला, तहसील व ब्लॉक स्तरीय तथा विभिन्न विभागीय शाखा, संस्था द्वारा निर्मित समिति उपसमितियों के निर्वाचन प्रक्रियाओं को स्वच्छ एवं पारदर्शी बनायें रखने के लिये निम्नानुसार आदर्श आचार संहिता लागू होगी –

  1. अध्यक्ष व अन्य पदों पर अभ्यर्थी के निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने हेतु आजीवन सदस्यता अनिवार्य होगी।
  2. अन्य मान्यता प्राप्त संघों को इस निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने की पात्रता नही होंगी।
  3. प्रांतीय कार्यालय को प्राप्त सदस्यता सूची का अनुमोदन करने व प्राप्त समस्याओं के निराकरण हेतु पाँच सदस्यीय समिति का गठन प्रांतीय अध्यक्ष महोदय द्वारा किया जाएगा। उक्त समिति आपसी समन्वय से निर्वाचन से संबन्धित समस्त आवश्यक कार्य संपादित करेगी एवं अपना अंतिम प्रतिवेदन (निर्णय) से प्रान्ताध्यक्ष को अवगत कराएगी। इसके अतिरिक्त सी.डी./डीवीडी/पेन ड्राइव में भी मतदाता सूची प्रांतीय कार्यालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा ।
  4. मतदाता सूची का प्रारूप निम्नानुसार होगा – सरल क्रमांक, नाम, पिता का नाम, पदनाम, पुरुष/महिला, जारी रसीद क्रमांक, सदस्यता क्रमांक, कार्यरत विभाग/कार्यालय का नाम व पता