!! समाज की एकता ही विकल्प हैं !!
आपकी जय !
⏩ आज के इस कठिन दौर में समाज को तमाम प्रकार के आक्रमणों से बचाने के लिए एकता के सूत्र में बांधने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है । बात आती है लड़ने की तो भी आपके साथ लोग चाहिए और लोग भी विचारधारा से जुड़े हुए । क्योंकि लंबी लड़ाई लड़ने के लिए विचारधारा से जुड़े हुए लोगों की आवश्यकता होती है । समान विचारधारा वाले लोगों का लक्ष्य एक समान होता है । इसलिए साथ मिलकर संघर्ष करते हैं ।
⏩आज चारों ओर से हमारे ऊपर आक्रमण हो रहा है और हम आपस में भी एक दूसरे के ऊपर चाहे वह व्यक्ति विशेष को लेकर हो या बैनर विशेष को लेकर हो पर आक्रमण जारी है । ऐसी परिस्थिति में समाज के नेतृत्व कर्ताओं की जिम्मेदारी है कि समाज को इस स्थिति से निकाल कर बाहर लाएं ।
⏩यहां किसी के नेता बन जाने से, किसी को मंच मिल जाने से, किसी का उद्बोधन हो जाने से समस्या का समाधान हो जाएगा ऐसा नहीं हैं । आज समाज जिन मुश्किल हालातों से गुजर रहा है । ऐसी स्थिति में परिपक्व नेतृत्व की आवश्यकता है । समाज को आपके जैसे कई नेता, लेखक, कवि, चित्रकार, संगीतकार, गीतकार, वक्ता, रणनीतिकार आदि हर क्षेत्र के विशेषज्ञ की आवश्यकता हैं। आज हर क्षेत्र को उठाकर देख लीजिए अपवादों को छोड़कर करीब-करीब शून्यता ही नजर आएगी है । यह बात अलग है कि अलग-अलग क्षेत्र में लोग अब तैयार हो रहे हैं । लेकिन यह एक प्रक्रिया होती है । प्रक्रिया से गुजर कर ही लोग तैयार होंगे ।
⏩इसलिए हमें संयमित होकर कार्य करने की आवश्यकता है । इसका मतलब यह भी नहीं है कि हम चुपचाप सारे आक्रमणों को सहन करते चले । हमें प्रतिकार भी करना है, लेकिन संवैधानिक दायरे में रहते हुए करने की आवश्यकता है ।
⏩ दुनिया में हर वर्ग के लोग जो निचले तबके के हैं सारे परेशान हैं । उन सबको इकट्ठा करके एक समन्वित लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है । अलग-अलग वर्ग की समस्याएं अलग-अलग होती है जैसे मजदूर, किसान, विद्यार्थी ,महिलाएं, कर्मचारी अधिकारी इत्यादि हमें भी इन्हें ध्यान में रखकर ही लोगों को एकत्रित करने की आवश्यकता है ।
⏩ इसीलिए आदिवासी समाज के एकीकरण के लिए विद्यार्थियों के लिए “आदिवासी छात्र संगठन” कर्मचारी अधिकारियों के लिए “आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास)” तथा मजदूर किसान व अन्य जन संगठनों को इकट्ठा करने के लिए “आदिवासी समन्वय मंच, भारत” की परिकल्पना समाज के चिंतनशील लोगों के द्वारा की गई है । यदि हमें यह सही लगता है तब इन सब संगठनों को अपने अपने राज्य में मजबूत करने की आवश्यकता है । जब राज्य में हम मजबूत होंगे । तब राष्ट्रीय स्तर पर हम विद्यार्थी, मजदूर, किसान ,कर्मचारी अधिकारी आदि भी एक दिन अवश्य रुप से एक दुसरे के साथ मजबूती से खड़े होंगे ।
⏩अंत में मध्यप्रदेश राज्य मे “आकास” के सदस्यता अभियान मे हम सब लोग अपना अपना योगदान देवें । प्रत्येक व्यक्ति अपने से जुड़े हुए लोगों को आकास से जुड़ने का प्रयास करें ।